विश्व बैंक और एशियन बैंक की तकनीकी सहायता से पंजाब सरकार नदियों के किनारों को नहरों की तर्ज पर बांधेगी-कैप्टन अमरिन्दर सिंह

सुल्तानपुर लोधी /जालंधर, 22 अगस्त । पंजाब की सभी नदियों के किनारों को नहरों की तर्ज पर मजबूत किया जाएगा । इस काम के लिए विश्व बैंक और एशियन विकास बैंक की तकनीकी सहायता की जाएगी ।
बाढ़ प्रभावित गाँवों की ज़मीनी स्थिति का हफ़्ते में दूसरी बार जायज़ा लेते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने ये बाते जालंधर में कही । मुख्यमंत्री सुल्तानपुर लोधी सब-तहसील में गाँव सरूपवाल में भी गए जहाँ सतलुज नदी में पानी का स्तर बढऩे के कारण धुस्सी बांध में दरार पड़ गई थी और 62 गाँवों को इसकी मार झेलनी पड़ी। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने पानी का स्तर घटने के तुरंत बाद विशेष गिरदावरी करवाकर प्रभावित किसानों को बनता मुआवज़ा देने का वायदा किया।
सुल्तानपुर लोधी (कपूरथला) और जालंधर के इलाकों में बाढ़ से हुए नुकसान का जायज़ा लेने के लिए हवाई सर्वेक्षण करने के बाद पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि नदियों के बहाव के रास्ते ज़रूरत के अनुसार तबदील किये जाएंगे और इसके अलावा नदियों के किनारों को भी मज़बूत और चौड़ा किया जायेगा जिससे बाढ़ की समस्या का स्थाई हल किया जा सके।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने प्रभावित इलाकों में ग्रामीण स्तर पर समर्पित राहत टीमें बनाकर तैनात करने का भी ऐलान किया। हरेक टीम स्वास्थ्य, सिविल सप्लाई और पशुधन विभागों के अधिकारियों पर आधारित होगी जो गाँवों के प्रभावित परिवारों के लिए खाना, दवाएँ और पशूओं के लिए चारे की निरंतर और समय पर सप्लाई को यकीनी बनाएगी।
एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने बताया कि श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के समागमों पर कोई प्रभाव नहीं पडऩे दिया जायेगा और उनकी सरकार इस ऐतिहासिक मौके को पूरे उत्साह के साथ मनाने के लिए तैयार है।
मुख्यमंत्री ने कपूरथला जाते समय नवांशहर और लुधियाना के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण भी किया। इसके उपरांत जालंधर जिले के गिद्दड़पिंडी में पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि यदि केंद्र सरकार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए मदद नहीं करती तो राज्य सरकार हरेक प्रभावित व्यक्ति की सहायता को यकीनी बनाएगी। जि़क्रयोग्य है कि मुख्यमंत्री ने बीते दिन प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर विशेष बाढ़ राहत पैकेज की माँग की थी।
भाखड़ा डैम से अतिरिक्त पानी छोडऩे के कारण गिद्दड़पिंडी में सतलुज नदी में पड़ी दरार वाली जगह का कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आम तौर पर भाखड़ा डैम के पानी भंडारण की 1680 फुट की सामथ्र्य सितम्बर में पूरी होती थी, यह पहली बार है कि अगस्त महीने में ही पानी का स्तर तय सामथ्र्य को पार कर गया।
इसी दौरान मुख्यमंत्री ने ड्रेनेज के चीफ़ इंजीनियर संजीव गुप्ता को शाहकोट सब-डिविजऩ में पड़ी दरार को भरे जाने तक लोहियाँ स्टेशन न छोडऩे के हुक्म दिए। मुख्यमंत्री ने ड्रेनेज सर्कल के निगरान इंजीनियर टी.पी.सिंह की बदली के भी आदेश दिए। उनकी जगह पर मनजीत सिंह पद संभालेंगे।
मुख्यमंत्री जिन्होंने सोमवार को रोपड़ जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करके डिप्टी कमिश्नर को हालात के मद्देनजऱ सख्त चौकसी बरतने और भारतीय सैना के साथ ताल-मेल रखने और अपेक्षित मदद लेने के निर्देश दिए थे। उन्होंने कमिश्नर जालंधर डिविजऩ बी. पुरूसारथा को जालंधर और कपूरथला जिले के राहत कार्यों की निगरानी करने के निर्देश दिए।
इससे पहले कैप्टन अमरिन्दर सिंह के यहाँ पहुँचने पर उनको जालंधर और कपूरथला के डिप्टी कमीश्नरों ने सतलुज नदी में पड़ी दरार के बाद मौजूदा हालात संबंधी अवगत करवाया। दोनों डिप्टी कमीश्नरों ने मौजूदा संकट के समय में प्रभावित क्षेत्रों में चलाए जा रहे राहत कार्यों सम्बन्धी भी मुख्यमंत्री को अवगत करवाया। कपूरथला के डिप्टी कमिश्नर ने मुख्यमंत्री को बताया कि सैना और एन.डी.आर.एफ की मदद से बीते दिन सूखे राशन के 18 हज़ार पैकेटों के अलावा पानी की बोतलें बाढ़ प्रभावित गाँवों में हैलीकॉप्टरों के द्वारा मुहैया करवाए गए और पाँच हज़ार पैकेट आज मुहैया करवाए जा रहे हैं।