गांव टेंडीवाला में क्षतिग्रस्त बांध की मरम्मत युद्धस्तर पर जारी, सेना के जवानों के साथ गांव के लोग भी जुटे

25 August, 2019, 4:28 pm

चंडीगढ़, /फिरोजपुर, 25 अगस्त:

सतलुज दरिया में अचानक पानी का जलस्तर बढऩे से भारत-पाक बॉर्डर पर सटे गांव टेंडीवाला में क्षतिग्रस्त हुए बांध की मरम्मत के कार्य युद्ध स्तर पर चल रहे हैं। डिप्टी कमिश्नर श्री चंद्र गैंद ने मौके पर चल रहे कार्यों का जायजा लेने के बाद मीडिया से बातचीत में बताया कि यहां बांध को मजबूत करने के लिए आर्मी, नहरी विभाग के मुलाजिमों और गांव के लोगों की मदद से काम किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि बोरियों में रेत और मिट्टी भरकर क्षतिग्रस्त बांध के हिस्से में डाली जा रही हैं ताकि बांध को मजबूती प्रदान की जा सके। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन की तरफ से इस बांध को बचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी, जिसके चलते सभी महकमों के अधिकारियों व मुलाजिमों को इस काम में साथ जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि टेंडीवाला बॉर्डर का आखिरी गांव है, जहां पाकिस्तान की तरफ से भारी मात्रा में पानी छोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि सतलुज का पानी पहले पाकिस्तान जाता है, जहां कसूर की लैदर इंडस्ट्री का पानी इसके साथ मिक्स होता है।

डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि पाकिस्तान में सतलुज पर एक क्रीक का निर्माण किया गया है, जहां से पानी भारी मात्रा में भारत की तरफ छोड़ दिया गया है। अचानक ज्यादा पानी आने से गांव टेंडीवाला में सतलुज के बांध को नुकसान पहुंचा है। बांध का काफी हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ है लेकिन प्रशासन की तरफ से इसकी मरम्मत और मजबूती के लिए पूरे जोर-शोर से काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि टेंडीवाला और आसपास के कुछ गांव में एहतियातन खाली करने की अनाउंसमेंट करवा दी गई है ताकि किसी भी आपदा से निपटा जा सके। उन्होंने कहा कि यहां आर्मी के अलावा एनडीआरएफ और स्वास्थ्य विभाग की मेडीकल टीमों की भी एहतियातन तैनाती कर दी गई है ताकि जरूरत पडऩे पर तत्काल प्रभाव से राहत कार्य आरंभ किए जा सकें। मगर हमारा पहला फोकस इस बांध को मजबूत करने पर है ताकि इसे टूटने से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि अभी तक सैंकड़ों की तादाद में रेत-मिट्टी की बोरियां इस बांध में लगाई जा चुकी है और काम अभी भी जारी है। वह खुद पूरे कार्य का निरीक्षण कर रहे हैं और अधिकारियों को इस काम को पूरी गंभीरता से पूरा करने के लिए कहा गया है।