बच्चे गोद लेते समय सभी कानूनी प्रक्रियाएं अपनाने की अपील-अरुणा चौधरी

26 August, 2019, 4:34 pm

 

 

चंडीगढ़, 26 अगस्त:

पंजाब की सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अरुणा चौधरी   The Social Security, Women and Child Development Minister Mrs. Aruna Choudhary ने बच्चों को गोद लेते समय सभी कानूनी प्रक्रियाएं को ध्यान में रखने और उनके अनुसार चलने की लोगों से अपील की है।

आज यहाँ जारी एक बयान में श्रीमती अरुणा चौधरी ने कहा कि वर्तमान समय में शोषित, त्यागे हुए, नकारे हुए और अकेले छोड़े हुए अनेकों बच्चे हैं और इनको अलग बाल घरों में रखा जा रहा है। यहाँ इन बच्चों के सर्वपक्षीय विकास के लिए उपयुक्त माहौल उपलब्ध करवाया जाता है परन्तु फिर भी लोगों द्वारा बहुत से बच्चों को अपनाए जाने की ज़रूरत है।

बाल विकास मंत्री ने कहा कि जिन जोड़ों के बच्चे नहीं हैं या जो बच्चे गोद लेने की इच्छा रखते हैं, उनकोबच्चे गोद लेने के लिए आगे आना चाहिए जिससे यह बच्चे भी सामाजिक विकास में प्रभावी भूमिका निभाने के साथ-साथ अपना बढिय़ा जीवन गुज़ार सकें। इसके साथ ही उन्होंने बच्चे गोद लेने के चाहवानों को ऐसा करने से पहले सभी कानूनी प्रक्रियाएं पूरी करने के लिए भी कहा है जिसके बाद किसी भी तरह के विवाद से बचा जा सके। उन्होंने बताया कि राज्य में इस समय 10 अडॉपशन एजेंसियाँ हैं जिनके द्वारा कानूनी प्रक्रिया मुकम्मल होने के बाद गोद लेने वाले माँ बाप को बच्चे दिए जाते हैं।

इसके साथ ही सरकार ने बच्चे गोद लेने वाले माँ बाप की योग्यता भी निर्धारित की है जिसके अनुसार गोद लेने वाले माता पिता शारीरिक, दिमाग़ी और वित्तीय तौर पर मज़बूत होने चाहिएं और किसी जानलेवा बीमारी का शिकार नहीं होने चाहिए। विवाहित जोड़ा होने की सूरत में दोनों पति-पत्नी की सहमति ज़रूरी है। गोद लेने वाले माँ बाप के विवाह को कम से कम दो साल हुए होने चाहिए। अकेली महिला होने की हालत में लडक़ा या लडक़ी किसी को भी गोद लिया जा सकता है परन्तु पुरुष होने की सूरत में केवल लडक़ा ही गोद लिया जा सकता है। गोद लेने के इच्छुक माँ बाप को कारा के ऑनलाईन पोर्टल cara.inc.inपर रजिस्टर करना पड़ता है और माँ बाप के घर जाकर स्टडी रिपोर्ट के बाद ही application  मंज़ूर की जाती है।