हरियाणा में प्रत्येक महीने की 5 तारीख को मनाया जाएगा प्लास्टिक मुक्त दिवस

चंडीगढ़, 30 अगस्त- हरियाणा की मुख्य सचिव श्रीमती केशनी आनन्द अरोड़ा ने हरियाणा को प्लास्टिक मुक्त करने की दिशा में आमजन से अनुरोध किया है कि वे प्लास्टिक की थैलियों का उपयोग बंद कर जूट से बने थैलों का उपयोग करें। इसके लिए उन्होंने विभिन्न संस्थानों और गैर सरकारी संस्थानों को सामुदायिक सामाजिक जिम्मेवारी (सीएसआर) के तहत जूट बैग बनाकर आमजन को वितरित करने का अनुरोध किया है।
श्रीमती केशनी आनन्द अरोड़ा आज यहां हरियाणा में प्लास्टिक प्रदूषण में कमी लाने के विषय पर आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रही थी।
बैठक में मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी जिलों में विशेष तौर पर प्रत्येक माह की 5 तारीख को प्लास्टिक फ्री दिवस के रूप में मनाया जाए और आमजन को प्लास्टिक का उपयोग न करने के लिए जागरूक किया जाए।
बैठक में बताया गया कि केंद्र सरकार द्वारा मनाई जा रही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के दौरान विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इस श्रृंखला में 11 सितंबर से 27 अक्तूबर, 2019 तक ‘स्वछता ही सेवा’ कार्यक्रम चलाया जाएगा जिसका थीम ‘प्लास्टिक वेस्ट श्रमदान’ होगा। इस कार्यक्रम के तहत हरियाणा को प्लास्टिक मुक्त करने की दिशा में कार्य किया जाएगा।
बैठक में बताया गया कि 6 हफ्तों तक चलाए जाने वाला यह कार्यक्रम तीन चरणों में पूरा किया जाएगा। पहला चरण 11 सितम्बर से 1 अक्तूबर, 2019 तक होगा, जिसमें लोगों को प्लास्टिक का उपयोग न करने के लिए जागरूक किया जाएगा। स्कूलों और कॉलेजों में भी जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे। इसके अलावा, संबंधित विभाग द्वारा प्लास्टिक वेस्ट को एकत्र करने और उसके प्रबंधन के लिए स्थान चिन्हित किए जाएंगे। पहले चरण में प्लास्टिक बैग के स्थान पर जूट के थैलों के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए भी अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए राज्य में सामुदायिक सामाजिक जिम्मेवारी (सीएसआर) के तहत विभिन्न संस्थानों को जूट बैग बनाकर आमजन को वितरित करने पर बल दिया जाएगा।
बैठक में यह भी बताया गया कि कार्यक्रम के दूसरे चरण में 2 अक्टूबर को राष्ट्रीय स्तर पर प्लास्टिक मुक्त भारत की शपथ दिलवाई जाएगी। इसके साथ ही शहरों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में प्लास्टिक वेस्ट को एकत्र करके चिहिन्त स्थानों पर उसका प्रबंधन किया जाएगा। तीसरे चरण में दोबारा उपयोग में लाए जाने वाले और एकल प्रयोग वाले प्लास्टिक को अलग-अलग कर प्लास्टिक कचरे का प्रबंधन किया जाएगा। दोबारा उपयोग में लाए जाने वाले प्लास्टिक को विभिन्न औद्योगिक इकाइयों तक पहुंचाया जाएगा ताकि वे इसको पुन: उपयोग कर सकें।
बैठक में पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती धीरा खण्डेलवाल, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री देवेंद्र सिंह, विकास एवं पंचायत विभाग के प्रधान सचिव श्री सुधीर राजपाल, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के प्रधान सचिव श्री आनंद मोहन शरण सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।