कुमारी शैलजा  को हरियाणा कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया गया हैं, वही भूपिंदर सिंह हुड्डा को पार्टी के विधायक दल का नेता और राज्य में चुनाव कमेटी का चैयरमैन बनाया गया हैं ।

4 September, 2019, 5:05 pm

नई दिल्ली, 4 सिंतबर। कुमारी शैलजा  को हरियाणा कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया गया हैं, वही भूपिंदर सिंह हुड्डा को पार्टी के विधायक दल का नेता और राज्य में चुनाव कमेटी का चैयरमैन बनाया गया हैं । हम आपको बता दे कि   मंगलवार को दिल्ली में हुई हुड्डा समर्थकों की बैठक में भी कोई निर्णय नही हो सका । हरियाणा कांग्रेस  के पूर्व अध्यक्ष फूल चंद मुलाना ने पत्रकारों को एक लाइन का जवाब दिया  कि कमेटी ने निर्णय  लेने के लिए  भूपेन्द्र सिंह हुड्डा पर छोड़ दिया है । हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के दिल्ली निवास पर कांग्रेस के 12 विधायक समेत 150 लोग जुटे थे ।  । 

भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने बीती 18 अगस्त को रोहतक में महापरिवर्तन रैली का आयोजन करके कांग्रेस आलाकमान को खुली चुनौती देते हुए कहा था कि कांग्रेस अब पहले वाली नही रही । इसके साथ ही 21 सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया था कि वो बताएंगी कि हमे अगला फैसला क्या करना हैं? भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने कमेटी के सभी सदस्यों से व्यक्तिगत रूप से बात की लेकिन कोई ठोस फैसला नही ले सके है । 

ह्ड्डा और कांग्रेस के तनावपूर्ण रिश्ते

दरअसल भूपेन्द्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस के बीच रिश्ते तब तनावपूर्ण हो गए थे । जब हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ने वर्ष 2016 में कांग्रेस के कैंडिडेट आर.के. आनंद का सपोर्ट करने से मना कर दिया था । उसके बाद 18 अगस्त को रोहतक में हुई परिवर्तन महारैली में ऑल इंडिया कांग्रेस के किसी प्रतिनिधि को नही बुलाया था । पहले सम्मेलन फिर रैली और कमेठी का गठन करना और निर्णय हुड्डा पर छोड़ देना ये साफ संकेत दे रहा हैं कि हुड्डा के शक्ति प्रदर्शन पर पार्टी आलाकमान झूकना नही चाहती हैं । सवाल ये है कि कांग्रेस का अगला कदम क्या होगा । प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर राज्य में अपना जनाधार नही बना सके हैं । उनके नेतृत्व में पार्टी प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला जींद का उपचुनाव हार गए । कांग्रेस लोकसभा की दस सीटे जिसमें पिता -पुत्र की रोहतक और सोनीपत की सीट भी शामिल हैं । 

पहली बार हरियाणा में इतना बड़ा दलबदल हुआ

 

हरियाणा की राजनीति में पहली बार बड़े पैमाने पर दलबदल हुआ हैं । ज्यादातर विधायकों ने सत्ताधारी पार्टी बीजेपी का दामन थाम लिया हैं । अब तक आईएनएलडी के कुल 14 विधायक,बहुजन समाज पार्टी का एक विधायक, चार निर्दलीय और एक कांग्रेस के विधायक ने पार्टी छोड़ी हैं । जजपा की नैना चौटाला समेत चार विधायकों  ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया हैं । एक बीजेपी के विधायक के सांसद बनने के बाद सीट खाली हुई हैं । 90 विधानसभा की सीटों में से 69 विधायक ही बचे हैं ।

इनेलों में भी मची हैं भगदड़

 

विपक्ष की भूमिका में रह चुकी इंडियन नेशनल लोकदल के लिए अपनी पार्टी को बचाना मुश्किल होता जा रहा हैं । ज्यादातर विधायक बीजेपी में शामिल हो गए हैं और पार्टी के वफादार कार्यकर्ता भी बीजेपी में शामिल हो रहे हैं । ऐसेे में खाप पंचायते कोशिश करने में लगी हुई हैं कि चौटाला परिवार को एक जुट होना चाहिए । इसकी संभावनाएं कम नजर आ रही हैं कि पूर्व सांसद दुंष्यत चौटाला की पार्टी जजपा ने बसपा के साथ समझौता कर लिया हैं । और उनकी मां नैना चौटाला ने अपने तीन विधायकों के साथ विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया हैं । ये इस्तीफा ऐसे समय दिया गया हैं कि जब उन पर दलबदल कानून के तहत विधानसभा स्पीकर को अपना फैसला देना था ।

योगेन्द्र यादव की स्वराज पार्टी की दस्तक 

 

योगेन्द्र यादव ने भी मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अनआर्शिवाद यात्रा के खिलाफ अपनी जनसरोकार यात्रा शुरू कर रखी हैं । लेकिन वो साफ-साफ कहते है कि हरियाणा में विपक्ष शून्य हैं कोई भी पार्टी सरकार के खिलाफ आंदोलन बनाने में नाकाम रही है । ऐसे में हम इस बात की तो गांरटी नही देते कि सरकार बनाने के लिए स्वराज पार्टी आई हैं । लेकिन रोजगार , भष्टाचार जैसे मुद्दों पर सरकार को आइना जरूर दिखाएंगे ।

बीजेपी इस बार पचहतर पार 

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने दूसरी बार सरकार बनाने के लिए पिछले 13 दिनों में हरियाणा का एक तिहाई से अधिक इलाका नाप दिया हैं । 62 विधानसभाओं में पहुंच चुके हैं । 18 अगस्त को कालका से शुरू हुई उनकी यात्रा का समापन 8 सिंतबर को रोहतक में होगा । इस रैली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शामिल होंगे ।

बीजेपी बनाम विपक्ष

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटर ने अपनी जनआर्शिवाद यात्रा से लगभग एक तिहाई हरियाणा के विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर चुके हैं ।