कैप्टन अमरिन्दर द्वारा विदेशी राजदूतों को पंजाब में निवेश और 550वें प्रकाश पर्व के समागमों के लिए न्योता

6 September, 2019, 6:51 am


नई दिल्ली, 6 सितम्बर:
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने गुरूवार को विभिन्न विदेशी मिशनों के नुमायंदों और राजदूतों के साथ मुलाकात की और उनको राज्य में निवेश और श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के समागमों में शिरकत करने का न्योता दिया।
इनवैस्ट पंजाब की तरफ से ‘राजदूत संपर्क’ के अंतर्गत विदेशी मिशनों के साथ कराई गई वार्तालाप की अध्यक्षता करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने अलग अलग मुल्कों के राजदूतों को मोहाली में इस साल 5 और 6 दिसंबर को कराए जा रहे प्रगतिशील पंजाब निवेशक सम्मेलन -2019 में शामिल होने का निजी तौर पर न्योता भी दिया।
इनवैस्ट सम्मेलन से पहले हुए इस संवाद प्रोग्राम में 25 से अधिक मुल्कों जिनमें अमरीका, यू.के., स्पेन, कतर, फ्रांस, इज़राइल, कैनेडा, जापान, संयुक्त अरब अमीरात, ताइवान, स्लोवाक गणराज्य और चैक गणराज्य आदि शामिल थे, के राजदूत, व्यापारिक संस्थाओं और विदेशी दूतावासों के नुमायंदे प्रतिनिधि के तौर पर शामिल हुए।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि यह सम्मेलन पंजाब को उद्योगीकरण के मार्ग पर आगे लेजाने में मील का पत्थर साबित होगा जिस दौरान विदेशी निवेशकों को पंजाब में व्यापार करने के मौकों की अथाह संभावनाओं बारे पता लगेगा। मुख्यमंत्री ने राजदूतों को ज़ोर देकर कहा कि वह अपने-अपने मुल्कों के अग्रणी उद्योगों और उद्यमियों को पंजाब भेजें जो यहाँ निवेश करना चाहते हैं। इसके अलावा इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए व्यक्तिगत तौर पर भी उद्यमी हिस्सा ले सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य इस समय कृषि आधारित परंपरागत अर्थ व्यवस्था से उद्योगीकरण की तरफ तेज़ी से बदल रहा है क्योंकि कृषि में राज्य की तरफ से पहले ही सर्वोत्तम स्थान हासिल करने के कारण और तरक्की की संभावनाएं मौजूद नहीं है। राज्य सरकार की तरफ से नयी औद्योगिक नीति लाई गई है जिससे निवेशकों को सहूलतें देते हुए व्यापार के लिए उद्यमियों को पर्मोट किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि राज्य में निवेश समर्थकी नीतियों से औद्योगिक विकास में साकारत्मक निवेश के माहौल के रूप में नयी लहर पैदा हुई है जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण मार्च 2017 से अब तक 50,000 करोड़ (7 बिलियन अमरीकी डॉलर) का निवेश ज़मीनी स्तर पर आने से मिलता है।

मुख्यमंत्री ने सभी मुल्कों के निवेशकों को यह भरोसा दिया है कि उनकी सरकार की तरफ से निवेशकों को राज्य में अपना यूनिट लगाने के लिए पूरा साथ और सहयोग दिया जायेगा और सभी ज़रूरी प्रवानगियां फास्ट ट्रैक पर डालते हुए कम से कम और तय समय के अंदर दी जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि सूक्ष्म, छोटे और मध्यम उद्योगों (एम.एस.एम.ई.) का क्षेत्र राज्य में सामाजिक आर्थिक विकास का केन्द्र है और औद्योगिक विकास की रीढ़ की हड्डी है जिसको राज्य सरकार की तरफ से बहुत प्रथमिकता दी जा रही है।
इसके बाद मुख्यमंत्री ने जापानी हाई कमिश्नर केंजी हिरामातशू के साथ बातचीत की जिन्होंने पंजाब में पर्यटन क्षेत्र को उत्साहित करने में गहरी रूचि प्रकट की। उनके प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया ज़ाहिर करते हुए मुख्यमंत्री ने तलवाड़ा में तकरीबन 500 एकड़ क्षेत्रफल में पर्यटन वाले स्थान विकसित करने सम्बन्धी संभावनाएं तलाशने के लिए जापान के समर्थन का स्वागत किया, जो कुदरती और सजीव सुंदरता से भरपूर है। मुख्यमंत्री ने उनको राजपुरा या बठिंडा में 500 से 700 एकड़ क्षेत्रफल में टैकनॉलॉजी हब्ब विकसित करने की संभावना बारे जानने का भी न्योता दिया और सुझाव दिया कि इस प्रस्ताव को दिसंबर के सम्मेलन में अमली रूप दिया जायेगा। जापानी हाई कमिश्नर ने विश्व प्रसिद्ध तोशीबा ग्रुप के सहयोग से एक इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण केंद्र स्थापित करने में भी रूचि ज़ाहिर की। मीटिंग के दौरान मोहाली में आई.टी. सैक्टर में सैंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने की प्रगति पर भी विचार विमर्श किया गया।
यू.ए.ई. के राजदूत डॉ. अहमद ए एल बन्ना मुख्यमंत्री के साथ की गई मीटिंग में उनको अवगत करवाया कि ई.एम.ए.ए.आर. की हिस्सेदारी से एक मैगा फूड पार्क स्थापित किया जायेगा और इस सम्बन्ध में आगामी कार्यवाही को अंतिम रूप देने के लिए य.ूए.ई. के खाद्य सुरक्षा मंत्रालय की टीम जल्द ही पंजाब का दौरा करेगी। दूसरे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर जहाजों की भारी यातायात के मद्देनजऱ कुछ उड़ानें अमृतसर हवाई अड्डे की तरफ मोडऩे के लिए उन्होंने केंद्र उड्डयन मंत्रालय से अपील करने के लिए कैप्टन अमरिन्दर सिंह के दख़ल की माँग भी की। इससे दोनों तरफ के व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा मिलेगा। डॉ. बन्ना ने मुख्यमंत्री आगे जानकारी देते हुए बताया कि यू.ए.ई. के कई व्यापारिक ग्रुप जैसे लुलू ग्रुप, डी वल्र्ड, श्राफ ग्रुप और बी.आर.एस की तरफ से पहले ही फूड प्रोसेसिंग, लॉजिस्टिक, शहरी ढांचागत विकास और स्वास्थ्य आदि क्षेत्रों में व्यापार को प्रफुल्लित करने के लिए पंजाब में संभावनाएं तलाशी जा रही हैं।
इससे पहले अपने स्वागती भाषण में राज्य के मुख्य सचिव करण अवतार सिंह ने पंजाब को औद्योगिक अवसरों की धरती बताया। उन्होंने कहा कि राज्य ने सेवा मुहैया करवाने का मानक बढ़ाने के उद्देश्य से रेगुलेटरी और नीति सुधारों के लिए अनेकों पहलकदमियां की हैं। नयी नीति से राज्य द्वारा गुणात्मक सेवाएं मुहैया करवाई जा रही हैं। उन्होंने विदेशी नुमायंदों को राज्य में औद्योगिक विकास के लिए तकनीकी गठजोड़ बनाने के लिए कहते हुए व्यापार करने का भी न्योता दिया।
    इससे पहले पंजाब में निवेश और उद्योगीकरण के माहौल बारे पावर प्वांइट पेशकारी के ज़रिये जानकारी देते हुए इनवेस्टमैंट पर्मोशन के अतिरिक्त मुख्य सचिव विनी महाजन ने बताया कि पंजाब चाहे भौगोलिक तौर पर भारत का केवल 1.5 प्रतिशत है परंतु मुल्क के जी.डी.पी. में इसका योगदान तीन प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि पंजाब ट्रैक्टरों, साइकिलों और साइकिलों के पुर्जों और हौजऱी के क्षेत्र का निर्माता और निर्माण करने का घर है। पंजाब एक बड़ा निर्यातक है जहाँ वित्तीय साल 2018 -19 के दौरान 6 बिलियन अमरीकी डॉलर का सामान 200 से अधिक मुल्कों को गया।
इस मौके पर इनवैस्ट पंजाब के सी.ई.ओ. रजत अग्रवाल ने सभी मेहमानों का धन्यवाद करते हुए पंजाब सरकार की तरफ से यह विश्वास दिलाया कि निवेशकों को पंजाब में निवेश करने और व्यापार स्थापित करने के लिए हर संभव सहायता और सहयोग दिया जायेगा।